दिवाली / दीपावली 2020 और 2021
दिवाली, या दीपावली भारत के कई हिस्सों में एक आधिकारिक सार्वजनिक अवकाश है और यह पांच दिनों तक मनाये जाने वाले हिन्दू पर्व का हिस्सा है जिसे ‘दीपों का उत्सव’ कहते हैं।
साल | तारीख | दिन | छुट्टियां | राज्य / केन्द्र शासित प्रदेश |
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2020 | 14 नवंबर | शनिवार | दिवाली | सभी राज्य सिवाय AP, GA, KA, KL, PY, TN & TG |
14 नवंबर | शनिवार | दिवाली / दीपावली | AP, GA, KA, KL, PY, TG & TN | |
15 नवंबर | रविवार | दिवाली / दीपावली छुट्टियां | DD, HR, KA, MH, RJ, UK & UP | |
2021 | 4 नवंबर | गुरूवार | दिवाली | सभी राज्य सिवाय AP, GA, KA, KL, PY, TN & TG |
5 नवंबर | शुक्रवार | दिवाली / दीपावली छुट्टियां | DD, HR, KA, MH, RJ, UK & UP | |
6 नवंबर | शनिवार | दिवाली / दीपावली | AP, GA, KA, KL, PY, TG & TN |
वर्ष के लिए चन्द्रमा के चक्रों के आधार पर, दीवाली का पर्व पश्चिमी पंचांग में अक्टूबर और नवंबर के मध्य समय में मनाया जाता है।
दीपों का उत्सव, दिवाली, एक रंगीन और खुशियों भरा त्योहार है। इस विशेष त्योहार के लिए लोग अपने घरों और खुद को तैयार करते हैं, जो आध्यात्मिक अच्छाई की विजय और आध्यात्मिक अंधकार के हार का प्रतीक है। बुरी शक्तियों को दूर भगाने के लिए पटाखे जलाये जाते हैं, तेल के दीप जलाये जाते हैं, फूलों की मालाएं बनाई जाती हैं, घरों के अंदर पानी के बर्तनों में मोमबत्तियां जलाई जाती है और उत्सव के उपलक्ष्य में मिठाइयां बांटी जाती हैं।
दिवाली बोध और ज्ञान के प्रकाश से अज्ञानता को दूर करने पर व्यक्ति के अंदर उत्पन्न होने वाले आंतरिक प्रकाश की ज्योति को दर्शाता है।
भारत के कई क्षेत्रों में, दिवाली के पांच दिन का उत्सव निम्नलिखित तरीके से मनाया जाता है:
- दिन 1 – धनतेरस – यह ज्यादातर भारतीय व्यवसायों के लिए वित्तीय वर्ष का प्रारम्भ होता है और धन की देवी लक्ष्मी की पूजा का भी दिन है।
- दिन 2 – नरक चतुर्दशी – यह सफाई का दिन है। लोग नए कपड़े पहनते हैं और विभिन्न व्यंजन तैयार किये जाते हैं।
- दिन 3 – दिवाली – यह अमावस्या होता है और दिवाली अवकाश का औपचारिक दिन है।
- दिन 4 – कार्तिक शुद्ध पद्यमी – इस दिन राजा बलि नरक से बाहर आये थे और धरती पर शासन किया था।
- दिन 5 – यम द्वितीय (या भाई दूज) भाइयों और बहनों के बीच के प्रेम को दर्शाता है।
ये दिन उत्तर भारत के कई स्थानों पर मनाये जाते हैं, दिवाली राजा राम के अयोध्या वापस लौटने और उनके राज्याभिषेक की खुशी में मनाई जाती है। गुजरात में, इस दिन लक्ष्मी की पूजा की जाती है, और बंगाल में दिवाली को माता काली से जोड़ा जाता है।
स्थानों के बीच विविधताओं के बावजूद, इस पर्व का मुख्य उद्देश्य है नवीनीकरण और अंधकार को दूर करना, और यह प्रकाश का खुशियों भरा त्योहार है।