क्रिसमस 2025, 2026 और 2027
साल | तारीख | दिन | छुट्टियां | राज्य / केन्द्र शासित प्रदेश |
---|---|---|---|---|
2025 | 24 दिसंबर | बुधवार | क्रिसमस छुट्टियां | ML & MZ |
25 दिसंबर | गुरूवार | क्रिसमस | सभी राज्य सिवाय CH | |
26 दिसंबर | शुक्रवार | क्रिसमस छुट्टियां | ML, MZ & TG | |
2026 | 24 दिसंबर | गुरूवार | क्रिसमस छुट्टियां | ML & MZ |
25 दिसंबर | शुक्रवार | क्रिसमस | सभी राज्य सिवाय CH | |
26 दिसंबर | शनिवार | क्रिसमस छुट्टियां | ML, MZ & TG | |
2027 | 24 दिसंबर | शुक्रवार | क्रिसमस छुट्टियां | ML & MZ |
25 दिसंबर | शनिवार | क्रिसमस | राष्ट्रीय अवकाश | |
26 दिसंबर | रविवार | क्रिसमस छुट्टियां | ML, MZ & TG | |
27 दिसंबर | सोमवार | क्रिसमस छुट्टियां | ML | |
कृपया पिछले वर्षों की तारीखों के लिए पृष्ठ के अंत तक स्क्रॉल करें। |
भारत में, ईसाई धर्म 52 ईसवी के प्रारंभ समय में आया था, जब सेंट थॉमस ने इसका प्रचार किया और उपमहाद्वीप के दक्षिणी हिस्से में शहीद हो गए, हालाँकि क्रिसमस का त्योहार सन् 1500 और आगे के वर्षों में यूरोपीय उपनिवेशकों और मिशनरियों के आने से पहले तक नहीं आया था। वर्तमान में, भारत में 24 मिलियन ईसाई रहते हैं, उनमें से ज्यादातर उत्तर-पूर्वी पहाड़ी क्षेत्रों, गोवा के छोटे तटीय राज्य और केरल और तमिलनाडु के दक्षिणी राज्यों में बसे हुए हैं। यह भारत के डेढ़ अरब से भी ज्यादा की जनसंख्या का केवल 2.3 प्रतिशत है, हालाँकि, भारत के मध्य और उत्तरी भाग में क्रिसमस का त्योहार बहुत कम ही मनाया जाता है। फिर भी, क्रिसमस ईसाईयों की बड़ी जनसंख्या वाले क्षेत्रों में मनाया जाता है और उन क्षेत्रों के गैर-ईसाई लोग भी इसे मनाते हैं।
भारत में, रोमन कैथोलिक के लिए, और कुछ अन्य संप्रदायों के लिए भी, क्रिसमस की मध्यरात्रि ईव सेवाएं अत्यधिक पारंपरिक हैं। धर्मसमाज के बाद, लोग एक बड़ी दावत का आनंद उठाते हैं, जिसमें पारंपरिक भारतीय व्यंजनों को शामिल किया जाता है, और उपहारों का आदान-प्रदान होता है। कई गिरजाघर अपने परिसरों को पोइंसेटीया से सजाते हैं और मध्यरात्रि में कैंडललाइट प्रार्थना आयोजित करते हैं।
दक्षिण भारत में, क्रिसमस की बत्तियों से घरों को प्रकाशित करने के बजाय, छोटे मिट्टी के दीये छतों पर रखे जाते हैं जो यीशु को विश्व के प्रकाश के रूप में दर्शाता है। उत्तर-पश्चिमी भारत में, भील जनजाति के लोग सभी लोगों को गाने के माध्यम से क्रिसमस की कहानी बताने के लिए पूरे सप्ताह के लिए पड़ोसी गाँवों में ईसाई भजन गाते हुए घूमते हैं।
अत्यधिक कैथोलिक ईसाईयों के जनसमूह वाले गोवा के समारोहों में पुर्तगाल का प्रभाव देखने को मिलता है, जो पहले इस राज्य पर शासन करते थे। इस शहर के लगभग सभी ईसाई घरों में ईसा मसीह के जन्म से संबंधित चीजों को देखा जा सकता है, और राहगीरों के लिए तारे के आकार के कागज के लालटेन लगाए जाते हैं, जो उन्हें उस तारे की याद दिलाता है जो एक बार तीन बुद्धिमान आदमियों को छोटे यीशु के पास लाया था। क्रिसमस से ठीक पहले “कांसुआडा” में बहुत बड़ी मात्रा में मिठाइयां बनाने की भी परंपरा है जिसे पड़ोसियों में बांटा जाता है। पारंपरिक मिठाइयों में शामिल हैं: क्रिसमस फ्रूट केक, “न्यूरोस” जो मेवे और नारियल से भरे हुए छोटे तले हुए पाई होते हैं, और “डोडॉल” जो नारियल और काजू मिश्रित एक प्रकार की टॉफ़ी होती है।
क्रिसमस मनाने वाले लोग अपने घरों में “क्रिसमस ट्री” सजाते हैं, लेकिन आमतौर पर उन्हें केले या आम के पत्तों से सजाया जाता है। घर की अन्य सजावटों में भी आम की पत्तियां देखी जा सकती हैं। भारत में “फादर क्रिसमस” कहे जाने वाले सांता क्लॉज़ बनाये जाते हैं जो बच्चों को उनके पिछले वर्ष के अच्छे व्यवहार के लिए उपहार देते हैं। हालाँकि, वो ये उपहार हिरण के रथ पर नहीं, बल्कि घोड़ागाड़ी पर बैठकर देते हैं।
भारतीय क्रिसमस की गतिविधियां
यदि आप क्रिसमस के समय भारत भ्रमण की योजना बना रहे हैं तो आप निम्नलिखित गतिविधियों में हिस्सा ले सकते हैं:
- मुम्बई जाएँ, जहाँ ईसाईयों की जनसंख्या किसी भी अन्य भारतीय शहरों से काफी ज्यादा है। कस्बों में घूमते समय प्रकाश और लालटेन का अद्भुत नज़ारे देखने के लिए मिलता है। आपको कई क्रिसमस सेट भी देखने के लिए मिलते हैं, और यदि आप मध्यरात्रि की प्रार्थना में शामिल होते हैं तो भारतीय क्रिसमस के व्यंजनों का भी आनंद उठा सकते हैं। मुम्बई में क्रिसमस की खरीदारी के लिए आपको बहुत सारे मॉल और दुकाने भी मिल जाएँगी।
- ज्यादा ईसाई जनसंख्या वाले सभी क्षेत्रों में आप क्रिसमस बुफे के लिए होटलों और स्थानीय रेस्टोरेंट में जा सकते हैं। आपको टर्की जैसे पारंपरिक व्यंजनों का आनंद उठाने का अवसर मिल सकता है, लेकिन वहां आपके लिए कई भारतीय व्यंजन भी मौजूद होते हैं। अंतर्राष्ट्रीय लक्ज़री होटल श्रृंखलाओं में आपको “सम्पूर्ण क्रिसमस आहार” मिल सकता है।
- कोलकाता (कलकत्ता) क्रिसमस फेस्टिवल में शामिल होइए, जो हर साल 16 दिसंबर से 2 जनवरी के बीच पड़ता है। यहाँ आपको खाने के स्टॉल, सांस्कृतिक प्रदर्शनियां, और ईसाई गीत देखने को मिल सकते है। हालाँकि, अंत में जुलूस निकलता है जो पार्क स्ट्रीट तक जाता है, जिसे बत्तियों और सभी प्रकार के क्रिसमस की सजावटों से सुंदर तरीके से सजाया जाता है।
क्रिसमस के लिए भारत आने पर आपको यहाँ का क्रिसमस मनाने का तरीका देखने का अवसर मिलता है जहाँ ईसाई अल्पसंख्यक हैं, लेकिन इसके लिए आपको उन क्षेत्रों में जाने की जरुरत होती है जहाँ क्रिसमस मनाया जाता है। आप देखेंगे कि यूरोपीय लोगों के द्वारा लायी गयी परंपरा कितनी संशोधित हुई है और कितनी अपरिवर्तित है। यहाँ के पकवान और उत्सव दोनों आनंददायक और शैक्षिक होते हैं।
पिछले कुछ वर्ष
साल | तारीख | दिन | छुट्टियां | राज्य / केन्द्र शासित प्रदेश |
---|---|---|---|---|
2024 | 24 दिसंबर | मंगलवार | क्रिसमस छुट्टियां | ML & MZ |
25 दिसंबर | बुधवार | क्रिसमस | राष्ट्रीय अवकाश | |
26 दिसंबर | गुरूवार | क्रिसमस छुट्टियां | ML, MZ & TG | |
27 दिसंबर | शुक्रवार | क्रिसमस छुट्टियां | ML | |
2023 | 24 दिसंबर | रविवार | क्रिसमस छुट्टियां | ML & MZ |
25 दिसंबर | सोमवार | क्रिसमस | राष्ट्रीय अवकाश | |
26 दिसंबर | मंगलवार | क्रिसमस छुट्टियां | ML, MZ & TG | |
27 दिसंबर | बुधवार | क्रिसमस छुट्टियां | ML |